Friday, March 16, 2012

एक नया मोड़



कई दिनों से उसने कुछ नहीं लिखा है, मन में कितने विचार उठते हैं. हर समय एक सवाल सा रहता है. आज वे डॉक्टर के पास गए थे. डॉक्टर ने जाँच की और बताया कि वह जो सोच रहे हैं, सही है. जिस तरह जाँच की गयी वह तरीका नूना को पसंद नहीं आया, वह परेशान हो गयी घर आकर भी काफ़ी देर तक परेशान रही, उसे उदास देखकर जून भी परेशान हुआ. अगले माह उन्हें घर  जाना है. ऐसे में यात्रा नहीं करनी चाहिए पर उसने सोचा देखा जायेगा. अस्पताल जाने से पूर्व वह जितनी खुश थी वापस आकर उसकी शतांश भी नहीं है. कल दीवाली है, जून आज अकेले तिनसुकिया जायेगा सब सामान लाने.
  

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