Thursday, February 23, 2012

कोलम्बो का आकाश


आज सुबह फिर उठने में देर हुई, कल रात देर तक वे अपने-अपने बचपन की बातें करते रहे. दोनों के बचपन में कई बातें मिलती-जुलती लगती थीं. सबके बचपन एक से ही होते हैं पर बड़े होकर सब अपने-अपने दायरों में कैद हो जाते हैं. आज सुबह से ही पानी बहुत कम आ रहा था, बाद में बंद ही हो गया. कल नूना ने जून के साथ शर्त लगाई कि भारत-श्रीलंका क्रिकेट टेस्ट मैच में भारत जीतेगा पर मैच अनिर्णीत रहा. अब कल वन डे है इसमें तो भारत को जीतना ही चाहिए, उसने सोचा. कल वे एक असमिया परिवार से मिलने गए थे, उनका बेटा जिंजू बहुत प्यारा है, शर्मीला व शांत स्वभाव का.
आज इतवार है, सितम्बर माह भीगा भीगा ठंडा सा इतवार ! सुबह से आकाश में बादल छाये रहे, यहाँ भी और कोलम्बो के आकाश में भी, मैच देर से शुरू हुआ और कम रोशनी के कारण जल्द खत्म कर देना पड़ा. जून के साथ वह होमियोपैथिक डॉक्टर के यहाँ गयी थी. आज वे फिर एक परिचित के यहाँ गए नूना ने अपने हाथ से बनायी  टैटिंग की लेस उन्हें दी. उसके बाद वे मोटरसाइकिल से दूर तक घूमने गए, खुली सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन थे. उसने वही पीला कुरता पहना था. शाम जैसे-जैसे बढ़ रही था मच्छर भी बढ़ रहे थे जो आँखों, बालों से टकरा रहे थे.

No comments:

Post a Comment