पिछले दो-तीन दिनों से वह ‘महिलाओं
के लिए लेखन’ पुस्तक पढ़ती रही है पर प्रश्नोत्तर लिखने बैठी तो बात आगे नहीं बढ़
रही है. आज पड़ोसिन ने अपने घर आने का निमन्त्रण दिया है शाम को वह उन्हें क्लब भी
ले जाएगी. क्लब में फिल्म है. उसे लेडीज क्लब की तरफ से पुराने वस्त्र एकत्र करने
का काम सौंपा गया है, दोपहर को एक परिचित महिला आयीं कुछ वस्त्र लेकर, वह सामान्य
वस्त्रों में थी, उसे उलझन में देखकर शायद..कुछ देर रुककर ही वह चली गयीं. जून
होते तो वह इस समय ‘हिंदी कक्षा’ में होती, घर से बाहर निकलना कुछ करना अच्छा लगता
है उसे. उसने सोचा उस सखी ने अच्छा निर्णय लिया, कामकाजी महिला की समस्याएं भी कम
नहीं होतीं पर जीवन है तो समस्याओं से घबराना कैसा. फ़िलहाल तो वह अपनी मर्जी की
जिन्दगी अपने तौर पर जी रही है. कहीं नौकरी करने का एक अर्थ गुलामी स्वीकार करना
भी होगा, उसका वक्त उसका नहीं रहेगा, मन का चैन...उसे लगा शायद मन का चैन बढ़ जाये
? आखिर घर से बाहर जाना काम करना अच्छा लगता है !
जून का फोन आज सुबह आया, उसे लगा, उनकी आवाज में उदासी की छाप थी, पहले की तरह
उत्साह से भरी आवाज नहीं थी, शायद उन्हें घर की याद आने लगी है. वे भी तो उनका
इंतजार कर रहे हैं, उनकी उपस्थिति की यहाँ बहुत आवश्यकता है. मिलने वाले सभी सोचते
हैं कि वे अकेले हैं और सदा ही सहायता करने की अपनी इच्छा व्यक्त करते हैं और वह
अपने स्वभाव के अनुसार किसी पर, किसी भी तरह से निर्भर होना नहीं चाहती.
It is 2 pm
Nanha went for computer class in rain taking an umbrella, he is such a nice, energetic and lively
person. He remains happy all the time these days busy in his project work, computer
and watching TV cheerfully. He remembers papa often and always asks about
phone calls he made.
Jun has
come back but he is not well. Yesterday when he entered the house his face was
totally white and very week. He was suffering from fever since last few days
and he did not tell her. He wanted to save them from suffering so he suffered
alone. She did not like it but appreciated his love for them. Today he went to
dept but came back around 10, now taking rest. Nanha is busy doing his work, only
fifty present of which is done till now. Yesterday was last meeting of the out
going committee. Secretary asked her to stay for photo session but she had to
come back with jun and Nanha they were waiting for her in lounge.
आज अगस्त का प्रथम दिन है, वर्षा सुबह से थम-थम कर हो रही है. शाम को वे तीनों
बाजार गये उनके देखते-देखते ही काले घने बादल छा गये पहले आंधी शुरू हुई फिर वर्षा. वे किसी तरह कार
तक पहुंचे और घर आये. जून अभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हुए हैं. किसी भी बात का जवाब
हाँ, हूँ या कम से कम शब्दों में देना पसंद करते हैं. घर जाकर अस्वस्थ हो जाना
उन्हें रास नहीं आया, किसी को भी नहीं आएगा. पिछले शनिवार को उसने एक कहानी शुरू
की थी जो अभी तक अधूरी है.
Today she
got up before 5, her student came and solved the questions she gave her, she was
suffering from cold as usual, then at six jun and Nanha awoke, they ate
breakfast and jun went to office, Nanha was writing today's news, but it seems he
is again asleep. She is not feeling cheerful this morning. Last night they came
back from a friend’s party at 10 pm, food was good but something went wrong
when she gave flowers to him, they all felt awkward perhaps she should not take
flowers for them ever. Nanha is reading one novel by Ian Flaming it also
disturbs her but she should keep one thing in mind that one is responsible for
her/his state of mind and should not brood over petty things, but should
overcome them as soon as they come.
कल दिन भर वह नन्हे को उसके कार्य में सहायता करने में व्यस्त रही. शाम को जून
अपने पुराने मूड में आ गये थे, खुशदिल और ऊपर तक प्रेम से लबरेज. उनकी तबियत अब
जाकर पूरी तरह ठीक हुई है. उनका जन्मदिन इसी महीने आने वाला है, उसे उनके लिए
उपहार लेना है. आज सुबह से कुछ भी सार्थक नहीं किया है सिवाय अख़बार में काश्मीर में पुनः बढ़ती हुई
हिंसा के समाचार पढ़ के. हाँ, पत्रों के जवाब के साथ पहली बार एक अंग्रेजी पत्रिका
का क्रॉसवर्ड भी भर कर भेजा. कुछ देर Kane and able भी पढ़ी, हिंदी फिल्मों की तरह
कहानी में जाने-पहचाने मोड़ आते हैं, लगभग समाप्त हो गयी है किताब पर उसे अच्छी
नहीं लगी बहुत, सीधी सपाट किताब है.
बहुत अच्छा लगा यह अन्दाज़!! आज पहली बार आया हूँ.. अब आता रहूँगा!!
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
Deleteरूचिकर पोस्ट। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
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