Tuesday, January 28, 2014

PSLV-C1 भारत का पहला उपग्रह


दस बजने में कुछ ही मिनट शेष हैं, सोचा था उसने, कुछ देर संगीत का अभ्यास करेगी पर पीटीवी चल रहा है और कोई वजह नहीं कि वह इसे पसंद न करे, उर्दू जबान भी अच्छी लगती है और दिल को छू लेने वाली उनकी कहानियाँ भी. क्यों भाती हैं, यह पता नहीं, लेकिन एक अपनापन सा महसूस करती है. लगता है अपने बचपन के दिनों में लौट गयी है. Mind Trap पढ़कर भी बचपन याद आया था पर वे यादें उदास कर देने वाली हैं जैसे कि उस नन्ही उम्र में हुए अनुभव और सुने कटु वाक्य, ड्रेस के कारण सुने तीखे वाक्य, इन सबके साथ स्वयं ही जूझती बड़ी हुई अपनी उलझनें किसी के साथ बांटी हों ऐसा याद तो नहीं पड़ता, खैर...जो बीत गया सो बीत गया पर यह सही है कि उसका खामियाजा अभी तक भुगतना पड़ रहा है. वैसे MIND TRAP अच्छी किताब है, अपने आपको और आसपास के लोगों को समझने का तरीका सिखाती है, कहती है, nothing is good or bad, thinking makes it that. according to book well being has at least five requirements.
१.      fulfillment in our endeavors
२.      intimacy in relationship
३.      personal growth
४.      rest
५.      recreation
उसे लगता है किताब यह सिखा रही है कि किसी भी इन्सान को पूरी तरह खुश व स्वस्थ रहने के लिए अपनी भावनाओं और अपने आदर्शों को ध्यान में रखकर सजग होकर कृत्य करने चाहिए.
अभी कुछ देर पहले एक फोन आया उसे फोटोग्राफर को सूचित करना है अगली मीटिंग में आने के लिए. कई दिनों बाद माली ने आज लॉन की घास काटी है. कल शाम को एक सखी आई थी वे साथ साथ टहलने गये, वह मनोविज्ञान पढ़ चुकी है, घटनाओं का विश्लेषण कर सकती है, उससे बातें करना अच्छा लगता है. नन्हा स्कूल प्रोजेक्ट में हावड़ा ब्रिज बना रहा है. उसने आज एक मित्र के बस स्टैंड पर न आने पर उसे फोन किया, वह उसका ख्याल रखता है, दोस्ती निभाना सीख रहा है. आजकल हेयर स्टाइल भी बदल दी है उसने.

दीवाली पर घर जाने के लिए ठीक एक महीने बाद की उनकी रिजर्वेशन हो गयी है राजधानी में. कल दो पत्र लिखे, दीदी को कार्ड भेजा, बड़ी भांजी के लिए कार्ड लाना है अगले महीने उसका जन्मदिन है. आज सुबह इण्डोनेशिया में हुई विमान दुर्घटना के चित्र देखे, लोग जन्मते हैं, मरते हैं, किसी के चले जाने पर भी यह दुनिया ज्यों की त्यों रहती है. जब तक साँस तब तक आस, यह कितना सही है.

कल इतवार था, दोपहर को संजीव कुमार और जाहिदा की एक पुरानी फिल्म देखी, ‘अनोखी रात’ जिसके गीत अति मधुर थे. शाम को नन्हे का प्रोजेक्ट कार्य उसके मित्रों के सहयोग से अभी चल ही रहा था, कि एक मित्र का फोन आया, क्लब में डिनर के लिए निमंत्रित किया था, पर वहाँ कुछ भी पसंद का नहीं था सो वे पहली बार बाजार में एक होटल में भोजन के लिए गये, माहौल, बैठने का स्थान सभी कुछ ठीक था पर खाना संतोषजनक नहीं था, तेल और मसालों से भरपूर. आज सुबह टीवी पर PSLV_C1 के द्वारा भारत के प्रथम उपग्रह का अपने ही रॉकेट से छोड़े जाने का आँखों देखा हाल सुना, देखा.



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