Wednesday, May 6, 2020

बगिया में घोंघे



आज गाँधी जयंती है. कल रात सोने से पहले उनके बारे में कुछ बातें पढ़ीं, सुनीं.  उनके प्रशंसक भी बहुत हैं और विरोधी भी. उनका व्यक्तित्त्व अनोखा था. चट्टान से भी मजबूत हृदय था उनका ! नैनी ने ध्यान कक्ष में जून द्वारा भेजी उनकी मूर्ति को फूलों से सजा दिया है. दोपहर की योग कक्षा में  महिलाओं और बच्चों को भी सुंदर कहानियाँ व गीत सुनाये, सबने गाँधी जी के प्रिय भजन गाये. महिला क्लब की प्रेसीडेंट का फोन आया, कल दस बजे उसे उनके साथ  बालिका विद्यालय जाना है जहाँ किशोरावस्था की समस्याओं पर एक वर्कशॉप है, जिसमें एक महिला डॉक्टर उनका मार्गदर्शन करेंगी. जिसके बाद उसे कक्षा नौ की छात्राओं को योग सिखाना है.

कल स्कूल में कार्यक्रम अच्छा रहा, दो छात्राएं बाद में उससे मिलने आयीं, कहने लगीं कुछ साल पहले वे सन्डे योग क्लास में आया करती थीं. आज मृणाल ज्योति गयी, हिंदी कक्षा में एक बच्चे  की पेन्सिल बार-बार टूट जाती थी, वह लिख नहीं पा रहा था, उसने शिकायत की तो रुआंसा हो गया. इन बच्चों से सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता, उसे ज्यादा उदार रहना होगा, उनकी अपनी सीमाएं हैं, उसके बावजूद वे पढ़ने आ रहे हैं, सच्चे सिपाहियों की तरह वे डटे हैं. बाद में निदेशक ने कहा तीन दिसम्बर आने वाला है, उस सिलसिले में एक मीटिंग करनी होगी. स्कूल में ही थी, पिताजी का फोन आया, दीदी वहाँ आयी हुईं थीं. उन्हें असम आने का निमन्त्रण एक बार फिर दिया. आज स्टोर की सफाई हो रही है, कल पैंट्री की होगी, दीवाली में एक महीना तीन दिन शेष हैं, देखते-देखते ही बीत जायेंगे. एक सप्ताह यात्रा में ही निकल जायेगा. बगीचे में घोंघे बढ़ गए हैं, जगह-जगह मिट्टी के ढेर लगा दिए हैं. वनस्पति खाकर वे शरीर से मिट्टी निकालते हैं, उनकी प्रकृति भी कितनी विचित्र है. 

आज बैठक की सफाई का कार्य आरम्भ किया है. जून दफ्तर जाने से पूर्व सारे पर्दे उतार गए हैं । मौसम का हाल बताता है कि शनि और रविवार को वर्षा होगी, सो तब तक का इंतजार नहीं किया जा सकता. आज बहुत दिनों बाद असमिया सखी से बात हुई, वे लोग दिसंबर में पोती के अन्नप्राशन के लिए पश्चिम बंगाल आएंगे, वहीं से असम. उनसे मिलना हो सकता था पर दिसम्बर में जून बैंगलोर जाने का कार्यक्रम बना चुके हैं. आज सुबह बगीचे से चौलाई का ढेर सारा साग मिला, जो अपने आप ही उग आया है, गोबर की जो खाद क्यारी में डाली थी शायद उसमें बीज रहे होंगे. डायन्थस के फूलों की पौध लगा दी माली ने आज. दीवाली तक पौधे जड़ पकड़ लेंगे. घर में सिविल का काम होना है, झूले को रंग कराना है. आज दो ठेले गोबर और लिया, अभी कई गमलों और क्यारियों में डालना शेष है. यह अंतिम वर्ष है जब उन्हें बगीचा तैयार करना है, अगले वर्ष इस समय सम्भवतः वे कर्नाटक में होंगे. आज छोटी ननद के विवाह की वर्षगाँठ है कल दीदी के विवाह की, उनके लिए कविता लिखेगी आज दोपहर. विश्व विकलांग दिवस के लिए एक पोस्टर बनाना है इस वर्ष की थीम के अनुसार. हिंदी कहानी प्रतियोगिता  के विजेताओं का चयन भी कर लिया है. निर्णय पब्लिक लाइब्रेरी के लाइब्रेरियन को सौंपना है. कल प्रेसीडेंट ने अपनी अनुपस्थिति में क्लब की जिम्मेदारी उसे सौंपी। वह इलाज के लिए बाहर जा रही हैं. अभी-अभी एक सखी ने कल शाम अपने घर में होने वाली पूजा में बुलाया है. 

4 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 7.5.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3694 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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    1. बहुत बहुत आभार !

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  2. दिनचर्या को साझा करने के लिए धन्यवाद

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    1. स्वागत व आभार शास्त्री जी !

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