Thursday, May 14, 2020

एकता की मूर्ति

एकता की मूर्ति 


आज पूरे सात दिन बाद यह डायरी खोली है. सिक्किम में नोटपैड ले गयी थी, जिसमें यात्रा विवरण लिखा था. कल से टाइप करना आरंभ हो  सकता है. आज दोपहर छोटा सा एक आलेख लिखा,भाईदूज पर एक कविता भी, और सभी भाइयों को भेजने के लिए लिफाफे तैयार किए. कल रजिस्ट्री करवानी है. शाम को भजन संध्या थी, नैनी ने फूलों से मंदिर सजा दिया था. आज एक नयी साधिका आयी, उसने अपनी मधुर आवाज़ में तीन भजन गाये. सिक्किम से लाये उपहार उसने उन्हें दिए. नैनी को एक माला, वह बहुत खुश थी. शाम को बगीचे से तोड़ी पालक का सूप बनाया और सरसों का साग, इस मौसम की पहली फसल ! फूलों का बगीचा भी काफी साफ-सुथरा मिला जब आज सुबह राजधानी से वे घर लौटे. 

जून का फोन आया अभी, घर में काम करवाने के लिए सिविल डिपार्टमेंट को उन्होंने कहा है, शायद वे लोग देखने आएंगे. दीवाली से पूर्व कुछ टूट-फूट ठीक हो जाये तो घर और अच्छा लगेगा. उसे बंगाली सखी की बिटिया से मिलने जाना था पर अब घर पर ही रहना होगा, वे कभी भी आ सकते हैं. दोपहर को मृणाल ज्योति जाना है. सिर में हल्का दर्द है और गले में खराश... मगर आत्मा उसी तरह प्रसन्न है, अदरक व तुलसी का काढ़ा पीने से अवश्य ही कुछ राहत मिलेगी. 

आज इतवार है, टीवी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम आरम्भ हो गया है. इस महीने के अंतिम दिन देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में देश भर में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है, साथ ही इस अवसर पर एकता दौड़ का भी आयोजन होगा, उसी दिन स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देश को समर्पित किया जाएगा. गुजरात के केवाडिया में सरदार सरोवर बांध के पास स्थापित की गई लौहपुरुष की 182 मीटर की आदम कद प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को ! कल इन्फैंट्री दिवस भी मनाया गया, जिस दिन सन सैंतालीस में कश्मीर को बचाने के लिए सेना को भेजा गया था. खिलाडियों का जिक्र भी प्रधानमंत्री ने किया, सिक्किम व उत्तरपूर्व का भी. इंदिरा गांधी को उन्होंने याद किया. उसे ‘मन की बात’ सुनना अच्छा लगता है, प्रधानमंत्री जैसे इसके जरिये देशवासियों को देश के बारे में आवश्यक जानकरी देते हैं, ऐसी जानकारी जिसे जानकर देश के प्रति सम्मान और गर्व की भावना सभी भारतवासियों में जगे. 

अभी-अभी योग सत्र समाप्त हुआ, कल महिला क्लब की मीटिंग है, सो सत्र नहीं होगा और परसों क्लब में फिल्म दिखाई जाएगी, कम ही साधिकाएं आएँगी. जून आज हैदराबाद गए हैं, दो दिन बाद लौटेंगे. कल सुबह बाजार जाना है, शाम की मीटिंग के लिए कुछ सामान खरीदने. प्रेसीडेंट का फोन आया था, परसों वह आ रही हैं, तब वह उन्हें क्लब का चार्ज सौंप देगी. सप्ताहांत में नन्हा और सोनू आ रहे हैं. कल से घर पर सिविल का काम भी आरंभ होने वाला है. लकड़ी व् सीमेंट का काम. बाहर के बरामदे में एक दीवार पर माली ने आयल पेंट लगा दिया है, जो बच्चों द्वारा लगाए लाल दागों को छिपाने के लिए लगाया था, पर अब वही भद्दा लग रहा है. जून ने इस कार्य के लिए फोन किया था, शायद कल यह भी हो जाये. कल पिताजी ने पहली बार फेसबुक पर कमेंट किया तथा एक संदेश भी भेजा, उन्हें अब नए-नए कार्य सीखने में रूचि हो रही है. ईश्वर उन्हें सौ वर्ष की आयु दे. अभी तक वे अपना कार्य स्वयं करने में सक्षम हैं. यहाँ तक कि भोजन भी बना लेते हैं. 

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