Friday, August 23, 2019

मेक इन इंडिया



पौने ग्यारह बजे हैं, अभी-अभी वह बाजार से आई है. उस सखी से बात की, सो रही थी. कल यहाँ से जाते समय उसकी आँख में नमी नहीं थी, पता नहीं उसका खुद का क्या हाल होगा. आज सुबह ध्यान के बाद पूरी हनुमान चालीसा पढ़ी बहुत दिनों बाद. बचपन में हर मंगलवार को बारह बजे पढ़ती थी दादी जी को सुनाने के लिए, स्कूल जाने से पहले. उसका स्कूल साढ़े बारह बजे से आरम्भ होता था, घर के बिल्कुल निकट ही था. आज दोपहर की योग कक्षा में महिलाओं को ग्रामीण महिला का योग कराया, आर्ट ऑफ़ लिविंग का सीडी चलाकर. चक्की चलाना, पानी भरना, धान लगाना, काटना और कूटना फिर साफ़ करना, सभी काम गाँव में आज भी किये जाते होंगे. शहर में तो टीवी देखना, स्मार्ट फोन पर संदेश भेजना ही मुख्य कार्य रह गया है, जिसमें जरा भी दैहिक श्रम नहीं होता. आज ग्वारफली की सब्जी बनाई है उसने जो वे डिब्रूगढ़ से लाये थे.

कल शाम को जैसे ही योग कक्षा समाप्त हुई, जून के विभाग की एक महिला अधिकारी का फोन आया, वह अस्पताल में थी, उसे साँस लेने में तकलीफ हो रही थी. वे गये और आठ बजे लौटे. उसे डिब्रूगढ़ ले जाया गया, अवश्य अब वह ठीक होगी. पिछले हफ्ते भी एक दिन उसे श्वास की समस्या हुई थी, पर कल वह मानसिक रूप से भी काफी परेशान लग रही थी. परमात्मा उसे शक्ति दे ताकि वह इस रोग से बाहर निकल सके. फुफेरे भाई से फोन पर बात हुई, बुआ जी अभी भी कोमा में हैं, पानी भी नहीं जा रहा है उनके मुख में, पर निकल रहा है, शायद देह का रक्त व अन्य पदार्थ अवशिष्ट के रूप में निकल रहे हैं. जून को कल गोहाटी जाना है. भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' के अंतर्गत गोहाटी आई आई टी भी उन्हें जाना है.

मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है आज. आकाश काले मेघों से घिर आया है और गर्जन-तर्जन भी आरम्भ हो गया है. नन्हे से बात हुई, वह पिछले दस दिनों से बहुत व्यस्त है. दफ्तर में बजट का काम चल रहा था, फिर किसी सीनियर मार्केटिंग मैनेजर  ने एक ऐसा विज्ञापन दे दिया, जिससे कुछ लोग नाराज हो गये और कानूनी कार्यवाही की बात करने लगे. कम्पनी का नाम बदनाम हो या उन पर कोई इल्जाम आये, इसे बचाना बहुत जरूरी है. जून का फोन आया, उस महिला अधिकारी को थायराइड की समस्या है. हवाई अड्डे जाने से पहले वे उसे देखने अस्पताल गये थे.

रात्रि के सवा दस बजे हैं. शाम को साढ़े चार बजे वे कोर्स के लिए गये, एक सखी का पुत्र भी यह कोर्स कर रहा है. एओल टीचर का उत्साह देखने लायक है, ऊर्जा और ज्ञान से भरपूर हैं वह. उन्होंने बताया, अधिकतर लोग कुछ नया सुनना नहीं चाहते, वे अपने कम्फर्ट जोन में रहना चाहते हैं और चुनौती को स्वीकार नहीं करते. इसीलिए जीवन में जड़ता है, उन्हें इस सीमित दायरे से बाहर निकलना होगा, लोगों तक पहुंचना होगा और अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा. कल सुबह साढ़े पांच बजे तक तैयार हो जाना है. आज 'पद्म साधना' भी करवाई. गृहकार्य में पन्द्रह लोगों से फोन पर बात करने को कहा है. आठ से ही हो पाई, उसने सोचा, सात को संदेश भेज देगी.

रात्रि के साढ़े नौ बजे हैं. आज का दिन कितना अलग है. अभी कुछ देर पहले ही रोटरी क्लब के हॉल से लौटी है, जहाँ डीएसएन कोर्स चल रहा है. आकर दूध-रस्क का भोजन किया. शाम को गुरूजी का ऋषिकेश से विशेष प्रसारण था, उन्होंने बहुत अच्छी बातें बताईं. कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने पर उनका कम्फर्ट जोन बढ़ जाता है. उन्हें अपने मूड्स को चलाना है न कि मूड्स के द्वारा चलाया जाना है. जीवन में प्रतिबद्धता न हो तो जीवन को एक दिशा नहीं मिलती और जीवन एक अधखिले फूल की तरह रह जाता है. उन्होंने कहा कि जीवन में गति के लिए सबसे पहली आवश्यकता है सुख के दायरे से बाहर निकलने की और दूसरी आवश्यकता है उत्साह तथा मन की निर्मलता व स्पष्टता की और तीसरी बात उन्हें विचारनी है, उन्हें ऐसा क्या करना चाहिए कि जीवन गतिमान बना रहे. यदि जीवन में कोई आकस्मिकता आ जाये या कोई विघ्न आ जाये तो वे कम्फर्ट जोन से बाहर निकलते हैं.या मन में बहुत उत्साह हो तो वे कुछ करना चाहते हैं. प्रेम या लोभ से प्रेरित होकर भी वे कुछ करना चाहते हैं. गुरूजी की वार्ता से पहले सत्संग हुआ, उसके पूर्व आसन, प्राणायाम व ध्यान. दो बार सभी लोग बाहर भी गये, एक बार समूह क्रिया में उन्हें लोगों से बेसिक कोर्स के लिए फॉर्म भरवाने थे और दूसरी बार लोगों को ख़ुशी के कार्ड बांटने. कोर्स के दौरान एक प्रक्रिया में उन्हें अभिनय करना था और दूसरी में उन दो घटनाओं का जिक्र करना था जिसमें उन्होंने उत्तरदायित्व निभाया या नहीं निभाया. उनके समूह में आठ लोग हैं. कल सुबह भी छह बजे पहुँचना है. आज सुबह ही छोटे भाई का फोन आ गया था. बुआ जी का कल रात देहांत हो गया, आज अंत्येष्टि क्रिया भी हो गयी. तीन दिन बाद उठाला है. एक जीवन की कहानी समाप्त हो गयी.  

6 comments:


  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-08-2019) को "मेक इन इंडिया " (चर्चा अंक- 3438) पर भी होगी।


    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  2. सार्थक पोस्ट

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  3. यथार्थ डायरी लेखन।

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