साढ़े तीन बजने को हैं, दोपहर बारह बजे से ही लगातार वर्षा हो
रही है. हर तरफ पानी ही पानी हो गया है लॉन में. बाढ़ से असम के कई जिले पहले ही
कितने पीड़ित हैं, ऊपर से वर्षा रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. प्रकृति की यह
विनाश लीला इस सृष्टि चक्र का ही एक भाग है, मानव विवश है इसके आगे. आज एक वीडियो
खोला तो एक वायरस का शिकार हो गयी. उसकी तरफ से कई मित्रों को अपने आप संदेश जाने
लगे हैं. नन्हे को कहा है, वही कुछ सहायता कर सकता है. मैसेंजर से हट जाना ही ठीक
रहेगा भविष्य में अथवा तो फेसबुक से ही. कल लाइब्रेरी से दो किताबें लायी. प्रणव
मुखर्जी की एक ‘द ड्रामेटिक डिकेड’ और दूसरी अमेजन के बारे में हैं.
नन्हे ने सहायता की
और उसकी तरफ से संदेश जाने बंद हो गये हैं. आज तरणताल में दोनों हाथों का प्रयोग
करके तैरना सीखा. धीरे-धीरे ही सही कुछ बात बन रही है. सुबह उठी तो मन टिका था. आज
तिनसुकिया जाना है, पूजा के उपहार खरीदने हैं. नैनी व माली के परिवारों के लिए.
शिक्षक दिवस के उपहार भी खरीदने हैं. शाम को एक सखी के यहाँ चाय पर जाना है. क्लब
की एक सदस्या ने फोन किया, उसे प्रेस जाने के लिए गाड़ी चाहिए. कल शाम वह बहुत
परेशान थी. प्रेसिडेंट ने उसे फोन पर कुछ ऐसा कह दिया था जो उसे रास नहीं आया. कुछ
देर बात करने के बाद वह खुश हो गयी, सारे दुःख उनके मन की कल्पना से ही बनते हैं
और बढ़ते हैं. आज वैदिक टीवी देखा, सुना, कितना उपयोगी है यह साधकों के लिए. सुबह गुरूजी
के साथ ‘सत्यं परम धीमही’ ध्यान किया. बड़ी भांजी से बात की, वह आजकल फेसबुक पर
उदासी भरी पोस्टस् डालती है.
आज गणेश पूजा है,
उन्होंने सुबह घर में गणपति की मूर्तियाँ सजायीं. लड्डू का प्रसाद बनाया. जून और
उसने आरती की. नैनी ने पीले फूलों की माला बनाई. गणपति के प्रतीक की व्याख्या
सुनी. उनके बड़े सिर, विशाल उदर और कानों, लंबी सूंड और उनकी सवारी, सभी के बारे
में गुरूजी ने कितने सरल शब्दों में समझाया. पूजा का अर्थ है पूर्णता से उत्पन्न
भाव, शुभता के प्रतीक गणपति उनके मनों को शुद्धता से भरें यही प्रार्थना उन्हें
करनी है.
ग्यारह बजने को हैं.
टीवी पर प्रधानमन्त्री के ‘मन की बात’ आने वाली है. आज धूप बहुत तेज है. प्रातः
भ्रमण के समय ही सूरज की चमक आँखों को चुंधिया रही थीं. पीएम का सम्बोधन आरम्भ हुआ
तो वे सुनने बैठ गये, अच्छा लगता है उनकी प्रेरणादायक बातें सुनना. राष्ट्रीय खेल
दिवस के बारे में उन्होंने बताया और खेलों के महत्व के बारे में भी. नेवी में काम
करने वाली छह महिलाओं का जिक्र किया जो तरिणी पर एक वर्ष के लिए विश्व भ्रमण पर
जाने वाली हैं. शिक्षक दिवस पर भी वह एक अभियान चलाना चाहते हैं, जिसमें शिक्षा
बदलाव के लिए हो और सीखना जीने के लिए हो. ‘जन धन योजना’ के कारण बैंकों में हुई
बचत का जिक्र भी किया. जैन समाज के पर्व ‘पर्यूषण’ का महत्व बताया, जो क्षमा,
मैत्री और अहिंसा का प्रतीक है. गणेश चतुर्थी का पर्व एकता, समता और शुचिता का
पर्व है. ओणम प्रेम, सौहार्द, उमंग और आशा का संदेश देता है. सामाजिक समरसता का भी
उल्लेख किया, जमैतुला हिन्द के कार्य कर्ताओं ने गुजरात के मन्दिरों और मस्जिदों
की सफाई की. जाने कितने लोगों को कुछ करने की प्रेरणा देता है उनके संदेश.
सुंदर प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
Deleteमन बड़ा विषादग्रस्त था. फेसबुक से विरक्ति सी होने लगी. पुन: ब्लॉग की तरफ लौटना चाहता हूँ. आज लौटा. यहाँ आकर शांति मिलती है.
ReplyDeleteवाह ! आपका स्वागत है, वाकई ब्लॉग जगत में फेसबुक जैसी गहमा गहमी नहीं है, शांति है, पर सक्रिय शांति..
Deleteआवश्यक सूचना :
ReplyDeleteसभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html
सुचना के लिए धन्यवाद
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