सुबह मौसम अच्छा था. स्कूल में एक छात्रा को योग कक्षा लेने को कहा, जब वह यहाँ नहीं रहेगी तो वह आराम से सिखा सकेगी. अभी-अभी छोटी बहन से बात की, पिछले एक महीने से वह बहुत व्यस्त थी. पहले उसकी बड़ी बिटिया आयी, जो विदेश में रहती है, वह व्यायाम करती है, फिट रहती है. एओल का एडवांस कोर्स भी उसने किया और डीएसएन भी करने वाली है. उसकी जीवन चर्या देखकर माँ खुश है, फिर उसकी ननद परिवार सहित आयी, उसके बाद छोटी बिटिया, जो कल लगभग तीन महीनों के लिए इंटर्न बनकर दक्षिण अफ्रीका गयी है. कनाडा से केन्या के स्कूलों को पढ़ाया जाने वाला गणित उनके लिए कितना उपयोगी है, इस पर रिसर्च करेगी. आज सुबह पिताजी से बात की और छोटे भाई से भी, वह उन्हें एक बार फिर कम्प्यूटर पर वीडियो देखना सिखा रहा था. यू-ट्यूब पर अनुभवानन्द जी को डिब्रूगढ़ मेडिकल कालेज में बोलते सुना, रिकार्डिंग अच्छी नहीं हुई है, पर उनका वही अंदाज है. उन्होंने नब्बे किताबें लिखी हैं. बड़ी-बड़ी किताबें भी. उनकी बातें सुनकर मन झट प्रेरित हो जाता है, जैसे गुरूजी के वचन सुनकर मन शांत हो जाता है. सदगुरू जीवन को पंख देते हैं, वे सीमित दायरों से निकाल क्र एक बड़े फलक का दर्शन कराते हैं. उनका संकीर्ण मन पहले-पहल विरोध करता है, पर आकाश में उड़ना कौन नहीं चाहता. जून ने मुल्तानी मिट्टी मंगाई है, देह पर उसका लेप करने से पित्ती ठीक होती है.
कल दिन भर व्यस्तता बनी रही. सुबह रविवार के विशेष कार्य, दोपहर को बच्चों के साथ गुरूजी का जन्मदिन मनाया. शाम को एओल सेंटर गए वे. कार्यक्रम अच्छा रहा. साढ़े आठ तक वापस लौटे. नैनी ने सुंदर बड़ी सी माला बनाकर दी थी. पहले भी वह बड़ी और छोटी माला बनाकर दे चुकी है. गुरूजी का जन्मदिन सारे विश्व में मनाया गया. बंगलूरू आश्रम में भी कई धर्मों के पुरोहित आए थे. सभी ने उन्हें बधाई दी. युगों-युगों में कोई ऐसी महान आत्मा धरती पर जन्म लेती है. इस समय रात्रि के आठ बजने को हैं. बाहर वर्षा हो रही है. आज सुबह इस मौसम में पहली बार वे टहलकर आते समय भीग गए. पहले हल्की सी बूंदा-बूंदी थी, फिर तेज वर्षा होने लगी. जून ने दौड़ना शुरू किया, वह भी भागने लगी, फिर बच्चों के स्कूल के शेड में आकर रुके वे. कुछ देर बाद वर्षा की गति कम हुई तो घर लौटे. नाश्ते में मकई का दलिया बनाया जी बैंगलोर से लाये थे, सोनू ने दिया था. दोपहर को सहजन की सब्जी बनायी, मोटे वालर सहजन, जो उस दिन बगीचे से तोड़े थे. इससे पहले वह बिलकुल कोमल लगभग गुलाबी सहजन ही खाते थे, मोटे बाँट देते थे, पर इनका अलग स्वाद है. इंसान को अपनी सीमाएं बढ़ाते रहना चाहिए, वे ऐसा कुछ हर दिन करें जो पहले कभी न किया हो. वे देह को ठीक करने के लिए हजार उपाय करते हैं पर आत्मा या मन को अपने सहारे या भगवान के सहारे छोड़ देते हैं. कल से शाम की योग कक्षा में श्री श्री की पुस्तक का एक पृष्ठ पढ़ना आरम्भ किया है. उन्हें हर दिन एक नोटबुक में कुछ न कुछ लिखने को भी कहा है. एक साधिका ने अपना लिखा भजन गया, धुन भी मनहर थी.
आज सुबह निकले तो आकाश नीला था, वर्षा काफी पहले होकर रुक चुकी थी. आज सफाई कर्मचारी फिर नहीं आया. नैनी ने घर की सफाई की, उसे कुछ मेहनताना देना ठीक रहेगा. दुबली-पतली है और तीन बच्चों को संभालने व घर का काम करने में दिन भर लगी रहती है. बारह बजने वाले हैं, जून अभी तक नहीं आये हैं. आज उसने गोभी वाले चावल बनाये हैं, जो कल शाम वे लाये थे. शिलांग की गोभी, मई के महीने में. दस दिनों बाद उन्हें भूटान की यात्रा पर निकलना है. आज प्रतियोगिता के लिए कहानी लिखना आरंभ किया है. यू ट्यूब पर ‘पंचदशी’ सुना, अच्छा लगा. इस ग्रन्थ का नाम पहली बार सुन रही है. भारत का प्राचीन साहित्य इतना विशाल है कि कोई सामान्य जन एक जन्म में इसे पढ़ ही नहीं सकता. दोपहर को मृणाल ज्योति जाना है. चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी की मीटिंग है. विशेष बच्चों को होस्टल में रखकर स्कूल चलाना कोई आसान काम नहीं है. उन्हें साफ-सुथरा रहना सिखाना पड़ता है. उन्हें अपना काम खुद करना भी सिखाना पड़ता है. जो सहायक व अध्यापक वहाँ काम करते हैं, उनका वेतन भी अधिक नहीं है. कई समस्याओं पर चर्चा हो सकती है.
आज आडवाणी जी की लिखी किताब पढ़ी. बहुत रोचक है. उनके जीवन के साथ-साथ देश के इतिहास का भी ज्ञान हो रहा है. गुरूजी की पुस्तकें निकालकर योग साधिकाओं के सामने रखीं, पर किसी ने कोई पुस्तक नहीं ली, शायद उन्हें पढ़ने का शौक नहीं है. आजकल रमजान का महीना चल रहा है. पिताजी का फोन आया दोपहर को. जून ने व्हाट्सऐप का फैमिली ग्रुप कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया है. वह यह बात समझ गए कि बड़े-बड़े वीडियो और पोस्ट देखने का समय नहीं है किसी के पास, साथ ही मोबाइल में स्पेस भी नहीं बचता। समाचारों में सुना कर्नाटक में बीजेपी सरकार बना रही है, उन्हें ग्यारह विधायक मिल गए हैं अर्थात उन्होंने खरीदे हैं !
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5.12.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3560 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी ।
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
बहुत बहुत आभार !
Deleteबहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति ,सादर नमन अनीता जी
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
DeleteVery Nice Article
ReplyDeleteThanks For Sharing This
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