Friday, December 7, 2018

द जंगल बुक



शाम के सात बजे हैं, पहली बार ऐसा हुआ है जब जून और वह घर में अकेले हैं. नन्हा दफ्तर गया है, और उसकी मित्र अपने किसी रिश्तेदार से मिलने. भांजा अपने हॉस्टल चला गया है. उसकी मित्र ने कहा है जब वे वापस घर जायेंगे, उसकी माँ उनसे मिलने आयेंगी. अगले वर्ष के आरम्भ में ही नन्हा और वह विवाह बंधन में बंध जायेंगे. सुबह भी पांच बजे उठे. नन्हे ने सभी के लिए दक्षिण भारतीय नाश्ता बाहर से मंगवा लिया था, इडली, डोसा, पोंगल तथा हलवा. आज PPT पर थोड़ा काम किया. जून का कहना है वह पूर्व निर्धारित तिथि को वापस नहीं जा रहे हैं, पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाने के बाद ही वह वापस जायेंगे. अगले माह पहले सप्ताह में प्लास्टर खुलेगा, उसके बाद जून की इच्छा के अनुसार सम्भवतः वे दुबई भी जा पायें. छोटी भांजी का मेल आया, वह भी दुबई जा रही है, सो बहुत खुश थी कि वहाँ उनसे भी मिलेगी. आज उसके पास समय है पर भीतर कुछ कहने को नहीं है. न ही कुछ जानने को है, जिसे जानकर सब कुछ जान लिया जाता है, उसे जानने के बाद भीतर कैसा मौन छा जाता है. इस संसार में यूँ तो जानने को बहुत कुछ है पर जो संसार एक स्वप्न से ज्यादा कुछ नहीं, उसे जानकर भी क्या लाभ हो सकता है. कुछ देर योग साधना करना ही सबसे उत्तम है !

रात्रि के आठ बजे हैं. आज सुबह नींद देर से खुली. प्रातः भ्रमण की जगह सांध्य भ्रमण किया. छत पर टहलने गयी तो सूर्यास्त होने ही वाला था. बादलों का रक्तिम रंग आकाश को अनोखे रंगों से दहकाता जा रहा था. वापस आकर बालकनी से देखा आकाश गुलाबी हो गया था. कैमरे से कुछ तस्वीरें लीं जो जून ने फेसबुक पर प्रकाशित कर दी हैं. आज रात्रि भोजन में काले चने की सब्जी बनाई है, जो नन्हे को बहुत रुचिकर है. दाल व मेथी की जो बड़ी वह साथ लाये थे उसे डालकर कुम्हड़े की सब्जी भी. साथ ही छोटी कटी सब्जियों का सादा सूप. आज से रसोइया छुट्टी पर जा रहा है, कल से दूसरा आएगा. दोपहर को छोटी बहन ने एक चित्र पूरा करके व्हाट्सएप पर भेजा, जो शायद वह कई दिनों से बना रही थी. टेक्नोलोजी ने दूरियाँ मिटा दी हैं. सुबह से एक बढ़ई घर में काम करता रहा, जो कल भी आएगा. नन्हे ने कलात्मक वस्तुओं से घर को सुन्दरता से सजाया है, खुला स्थान भी काफी है. आज सुबह नन्हे के साथ नेत्रालय भी गयी, डाक्टर ने परीक्षण किया पर PVD के कारण दायीं आँख के सामने जो काला घेरा दिखाई देता है, उसका कोई इलाज नहीं है, समय के साथ वह अपने आप ही कम हो जायेगा.

आज फिर बढ़ई आ गया है. शाम तक काम चलेगा. जून कुछ देर के लिए विश्राम करने शयन कक्ष में गये हैं. सुबह काफी देर तक वह दफ्तर का काम करते रहे. उन्हें घर बैठे खरीदारी करने का साधन ‘जॉप नाउ’ मिल गया है, अमेजन तो है ही. सुबह तिल भूने, अभी मूंगफली भूननी है गुड़ भी मंगाया है, वे गजक बनाने वाले हैं. कल रात देर तक ‘द जंगल बुक’ देखी, जिसका थोड़ा सा शेष भाग आज सुबह देखा. बहुत अच्छी फिल्म है. छोटा मोगली एक सखी की बिटिया की याद दिला रहा था, उसके हाव-भाव में कुछ समानता तो अवश्य है. उसके पास पढ़ने के लिए इस समय कोई प्रिय पुस्तक नहीं है. यहाँ रखी एक पुस्तक The deep work पढ़ना शुरू करेगी और करना भी. समय को व्यर्थ ही गंवाया जाये अथवा उसका सार्थक उपयोग किया जाये यह तो उन पर ही निर्भर करता है. दोपहर के बारह बजने को हैं. आजकल उसे ऐसा लगने लगा है उसे कुछ भी ज्ञान नहीं है, न ही कुछ जानने को शेष रह गया है. भीतर कैसा सन्नाटा है, पर ऊर्जा जो मौन के रूप में प्रकट होती है वही तो मुखरित होगी और वह ऊर्जा तो अनंत है, चाहे जितना उपयोग करें उसका. परसों बड़े भाई का जन्मदिन है, उनके लिए एक कविता लिखेगी.



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