आज धनतेरस है, कोऑपरेटिव
जाकर नैनी के लिए कुकर खरीदना है तीन लिटर का, आज के दिन दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. अपने पास
अब इतना सामान है कि लगता है, जितना जीवन बचा है आराम से गुजर जायेगा. सुबह सवा चार
बजे आँख खुली, अब दिन देर से निकलने लगा है. प्रातः भ्रमण के लिए निकले तो बाहर
हल्का कोहरा था. रात्रि को भीतर आग की लपट दिखी. अध्यात्म के साथ-साथ कहीं इसका
संबंध स्वास्थ्य से तो नहीं है. दाहिने कान में एक रुनझुन सी ध्वनि सुनाई दे रही है, कितने आश्चर्यों से भरा है
जीवन..आज ही वे घर को कल के लिए सजा रहे हैं, वैसे भी आज से पांच दिनों का उत्सव
आरम्भ हो गया है. दोपहर बाद मृणाल ज्योति जाना है. कल शाम योग कक्षा में कितना
अनोखा अनुभव था, देह जैसे महसूस ही नहीं हो रही थी. कल दोपहर उस सखी से मिलने गयी जो
पति के न रहने पर सदा के लिए अपने गृह स्थान को जा रही है.
आज सरदार पटेल की जयंती है
और इंदिरा गांधीजी की पुण्य तिथि ! टीवी पर सुबह से विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण
हो रहा है. सरदार पटेल ने देश की एकता बनाये रखने के लिए महान योगदान दिया है.
महापुरुषों के जीवन को नई पीढ़ी के सामने रखना चाहिए. १९३० में उन्होंने महिलाओं के
आरक्षण की बात कही थी. गाँधी जी ने उनके बारे में कहा है कि अहमदाबाद म्युनिसिपल
कारपोरेशन में कौन बैठा है यह इस बात से पता चलता है कि विक्टोरिया गार्डन में
किसका राज है, जहाँ तिलक की मूर्ति उन्होंने लगाई थी. मोदी जी की वक्तृत्व क्षमता
अद्भुत है. सरदार साहब के जीवन के अनोखे प्रसंग वे सुना रहे हैं. वह कह रहे हैं, हर
भारतीय को अपना विस्तार करना चाहिए, यह सारा देश उनका है. उन्हें हर प्रदेश की
भाषा सीखनी चाहिए, एक-दूसरे से और भी बहुत कुछ सीखना चाहिए. सुबह उठी तो कान फिर
बंद था, अस्पताल गयी, मोम जम गया है, इसी वजह से भारी था. कम्प्यूटर भी खराब था जो
जून इस समय मकैनिक के साथ बैठ कर ठीक करवा रहे हैं.
वर्ष का ग्याहरवाँ महीना,
मौसम अभी भी गर्म है. दो हफ्ते बाद ही ठंड शुरू होगी. सुबह वे समय पर उठे, प्रातः
भ्रमण के लिए गये, आकाश पर तारे चमक रहे थे. लोगों के घरों में अभी भी प्रकाश की
झालरें लगी थीं. सभी को भाईदूज के संदेश भेजे. मृणाल ज्योति ले जाने के लिए उपहार
एकत्र किये. कैलेंडर बदले, शरीर का वजन लिया और इस महीने आने वाले मित्र-संबंधियों
के जन्मदिन व विवाह की वर्षगांठ के दिनों का पता लगाया. इस महीने दो सखियों का
जन्मदिन है और एक भांजी का, ननद के विवाह की वर्षगांठ भी है. जून परसों गोहाटी जा
रहे हैं, उन्हें एक मीटिंग में भाग लेना है. उसे शनिवार को मृणाल ज्योति में
प्रोजेक्टर आदि स्वयं ही मैनेज करना होगा. आज कम्प्यूटर भी ठीक हो जायेगा. भाई दूज
पर भेजे टीके सम्भवतः अभी नहीं मिले, छोटे भाई ने कहा, उसे भेजने की जरूरत नहीं
है, पर दिल है कि मानता नहीं. दोपहर को नर्सरी जाना है, चार तरह की गोभी की पौध
लानी है, हरेक के लिए दो क्यारियां हैं. शिमला मिर्च की पौध, आलू व लहसुन के बीज
भी लाने को माली ने कहा है.
उसका कान खुल गया है पर अभी
भी पूरी तरह से आवाज सुनाई नहीं देती. दीवाली पर खायी मिठाई और नमकीन का असर है या
मन्दाग्नि का, भीतर कफ सूख गया है, कुछ दिन लगातार नेति करने से ठीक हो जायेगा.
कम्प्यूटर ठीक हो गया है, पीपीटी भी बन गया है, जून ने वीडियोज के लिंक भी उसमें डाल
दिए हैं. आज शाम को एक बार अभ्यास करना ठीक रहेगा. माली वह पौध लगा रहा है जो वह
कल लायी थी.
आज बृहस्पतिवार है, साढ़े
तीन बजे हैं दोपहर के, जून आज गोहाटी गये हैं, सोमवार को लौटेंगे. तब तक उसे अपने
समय व ऊर्जा का भरपूर उपयोग करना है. कुछ देर में बाजार जाना है, शायद ड्राइवर आ
गया हो. नन्हे ने लिखा है, उसका फोन कार में छूट गया था, आज मिल जायेगा.
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 15/11/2018 की बुलेटिन, " इंक्रेडिबल इंडिया के इंक्रेडिबल इंडियंस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शिवम जी !
Deleteजीवन-क्रम - घर और बाहर !
ReplyDeleteजीवन इन दोनों से ही तो बनता है..स्वागत व आभार प्रतिभा जी !
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