Tuesday, October 20, 2020

कोयल की कूक

 

शाम को बिजली चली गयी और एक लगभग पौन घण्टा वे मोमबत्ती के प्रकाश में बैठे रहे. एक मित्र परिवार आया था, उन्हें घर से लायी मिठाई खिलाई. चाय बनाना थोड़ा मुश्किल था अँधेरे में, रियल जूस पिलाया. बाद में एक जगह जाना था, विदाई भोज के लिए. कचौड़ी-पूरी, छोले, दही-बड़े यानि बहुत ही गरिष्ठ भोजन. दस बजे से थोड़ा पहले ही लौट आये. छोटे भाई ने फ़िल्मी गीतों का एक संग्रह पेन ड्राइव में दिया था, कुछ देर सुनती रही, बचपन में सुने थे उनमें से कितने ही गीत. दोपहर का लन्च अकेले ही खाया, जून के दफ्तर में प्रमोशन की ख़ुशी में पार्टी थी.  छोटी बहन कनाडा गयी है अपनी पुत्रियों से मिलने. वीडियो कॉल करके दिखाया बेहद खूबसूरत जगह है कनाडा. 

सुबह उठे तो झमाझम वर्षा हो रही थी, उसने सोचा जब तक वे पानी पीकर व नित्य क्रिया के बाद तैयार होते हैं तब तक रुक जाएगी, और ऐसा ही हुआ. यदि किसी कार्य को शिद्दत से कोई करना चाहता है तो प्रकृति पूरा साथ देती है. कितनी ही बार ऐसा हुआ है जब वे लौट कर घर आ गए हैं, तभी वर्षा आरम्भ होती है. अमलतास के पेड़ फूलों से लदे थे, उसने कुछ तस्वीरें भी उतारीं. दोपहर को बच्चों के साथ स्वच्छता अभियान में भाग लिया. बच्चे इतने उत्साह और ऊर्जा से भरे होते हैं, उनमें अहंकार जरा भी नहीं होता.  जून तिनसुकिया गए और ढेर सारे मौसमी फल लाये. फेसबुक पर स्वतःस्फूर्त एक कविता प्रकाशित की, काफी लोगों ने पढ़ी. भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट विश्वकप का मैच चल रहा है. भारत ने अच्छा स्कोर खड़ा किया है. अगले महीने छोटी ननद के आने की सम्भावना है, यदि उनके कालेज में पढ़ रहे पुत्र का परीक्षा परिणाम ठीक रहा, उसके कालेज में हड़ताल हो गयी थी, जिन छात्रों ने उसमें भाग लिया उन्हें डर है कि परिणाम उनके अनुकूल नहीं होगा. यहाँ से विदा होने के पहले एक बार असम की यात्रा करने का उनके लिए सुअवसर है. 


समाचारों में सुना, बारह भ्रष्ट आई टी अधिकारियों को  सरकार ने शीघ्र सेवा निवृत्त कर दिया है. पश्चिम बंगाल में हिंसा के विरुद्ध बीजेपी ने काला दिवस मनाया. कल के मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया. ननद का फोन आया, वे लोग अभी नहीं आ रहे हैं, जैसी आशंका थी, भांजे को तीन विषयों की परीक्षा दुबारा देनी होगी. वे परीक्षा के बाद आएंगे. शाम को क्लब की कमेटी मीटिंग थी, कार्यक्रम तय हुआ, फैशन शो भी होगा, उसे भी भाग लेने को कहा गया है, यह उनके जाने से पूर्व का अंतिम कार्यक्रम होगा सो उसने हामी भर दी. इसी माह उन्हें क्लब में विश्व योग दिवस का आयोजन भी करना है. आज बहुत अल्प तेल में स्क्वैश की सब्जी बनायी, विशेष स्वाद आया. दोपहर को ब्लॉग पर लिखा, मृणालज्योति के उस अध्यापक की बात लिखी जिसे स्वतः देह त्यागे पौने दो वर्ष हो गये हैं, कौन जाने अब वह किस रूप में कहाँ होगा. सुबह स्कूल गयी, तो प्रिंसिपल ने कहा हो सके तो जाने से पूर्व स्कूल के लिए पुराना फर्नीचर देकर जाये.  टीवी पर लोभ से मुक्ति के लिए रामा का प्रयत्न दिखाया जा रहा है. वहाँ की जनता को भय दिखाकर लोभ से मुक्त करता है. लोभ मानव को अंधा कर देता है. राजा कृष्णदेव राय धन के लालच में एक वृद्धा से विवाह करने को तैयार हो जाते हैं. 


उस दिन... वह बहुत खुश थी, केवल दो पेपर शेष रह गए थे. उसके कमरे की खिड़की से लॉन दिखता था.आम के पेड़ पर कोयल कूक रही थी, जिसे और कोई काम नहीं बस उड़ते रहो और थक जाओ तो बैठ कर कूकने लगो. उस दिन वह आम के पेड़ से एक कच्ची अम्बी तोड़कर लायी थी. वह उम्र ऐसी थी जब इंसान सपनों को ही सत्य मान लेता है, और मन को ही संसार जान लेता है. लेकिन स्वप्न क्या कभी पूरे होते हैं और मन का अकेलापन भी दूर नहीं होता. जगत तो दूसरों के दुःख में दुखी होने का नाटक ही करता है, पर मन यह वास्तविकता समझ कर भी समझना नहीं चाहता. आत्मा का सत्य या मन का सत्य तो किसी-किसी पल में मुखर होता है. प्रकृति ही इस सत्य को जानती है फिर जगत की बेरुखी से परेशान होना व्यर्थ है. यहाँ हर सुख भी तो उतना ही क्षणिक है, केवल मन की गहराई में छिपा विश्वास ही अटल है जो आगे बढ़ने को प्रेरित करता है.


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