Tuesday, March 24, 2020

पंद्रह अगस्त



बहुत दिनों के बाद फाउंटेनपेन से लिखना कुछ विचित्र लग रहा है, जून के जन्मदिन पर उन्हें यह उपहार में मिला है, पर वह एक दिन भी इससे लिख नहीं पाए, सो उसके पास आ गया है. स्टाइल की बॉडी और सुनहरे निब वाला यह पेन काफी एहतियात मांगता है, इसमें स्याही नहीं भरनी पड़ेगी, बल्कि कार्टिलेज लगेगी. पन्द्रह अगस्त का उत्सव उन्होंने सोल्लास मनाया, सुबह टहलने गए तो आकाश पर इंद्रधनुष का छोटा सा टुकड़ा दिखा, मानो तिरंगा वहां भी फहर रहा हो. बच्चों के स्कूल गयी तो प्रेसीडेंट ने कुछ बोलने को कहा, तिरंगे के महत्व के बारे में कुछ शब्द कहे जो यकीनन पुरे हृदय से कहे गए थे. उसके बाद क्लब की महिलाओं के साथ वे अस्पताल गए, मरीजों को मिठाई के डिब्बे वितरित किये गए, जो उनके परिजन ही खाने वाले हैं. घर आकर आस-पास के बच्चों और महिला-पुरुषों के साथ लॉन में झंडा फहराया, लड्डू बांटे. दोपहर के भोजन में जून ने बहुत सहायता की, उन्होंने दो घंटों में  लगभग सभी कुछ बना लिए, बाद में नैनी ने रोटी और चावल बनाये. एक बजे से मेहमान आने लगे. जून के दफ्तर की दो सहकर्मियों ने मदद की, एक सखी सदा ही सहायता के लिए सदा ही तैयार रहती है. टीवी पर अटलबिहारी बाजपेयी की नाजुक हालत के बारे में बताया जा रहा है, उनके राजनितिक जीवन के बारे में चर्चा हो रही है, भारत की राजनीति में उनका बहुत योगदान है. उनकी खूबी थी सबको सुन्ना, सबको साथ लेकर निर्णय लेते थे , उनके विरोधी भी उनका सम्मान करते हैं. पोखरण का बम विस्फोट उनके कार्यकाल में हुआ था. उनका कोई भाषण सुने ऐसा मन होता है. 

आज दोपहर वे मृणाल ज्योति गए, वहां पीने के पानी की समस्या का जायजा लिया. जून उनकी सहायता करना चाहते हैं, वः कम्पनी को एक प्रस्ताव भेजेंगे. उस पानी में लौहतत्व बहुत ज्यादा है, जो वे लोग ट्यूबवेल से निकालते हैं. उसने सोचा, काश उनकी यह समस्या वर्तमान उच्चाधिकारी के रहते रहते हल हो जाये. आज सुबह ड्राइविंग स्कूल गयी, लाइसेंस के लिए अगले हफ्ते फार्म भरना है, फिर जाना होगा. आज सुबह उठने से पूर्व एक स्वप्न चल रहा था, फिर उसी जन्म का स्वप्न, जिसके कारण बचपन से ही वैसी परिस्थितियां जीवन में आयीं. किसी एक जन्म में जो भक्त होता है, दूसरे में डाकू भी हो सकता है. उनके भीतर हर तरह के संस्कार मौजूद हैं, वे किसे प्रश्रय देते हैं यह उनके ऊपर है. आत्मा दोनों की साक्षी है. इस समय मौसम ठंडा हुआ है, दोपहर को बहुत गर्मी थी. कल दिन भर अटलजी के बारे में समाचार सुने, उनकी अंतिम यात्रा टीवी पर देखी. उनकी भाषण देने की कला अद्वितीय थी, सोच अद्धभुत थी. उन्हीं से सीखकर नरेंद्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं. विपक्ष में रहकर भी उन्होंने बहुत योगदान दिया. कल तिनसुकिया जाते व आते समय उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम  देखा. सुबह उनके बारे में लिखा. उसे लगता है अगले चुनाव में बीजेपी पुनः जीतकर आएगी और उसमें अटलजी का भी हाथ होगा, लोग उन्हें भूल नहीं सकते ! कल इतवार है, वे राखियाँ बनाएंगे. 

दोपहर बाद का समय है, तापमान सैंतीस डिग्री पहुँच गया है, जून को इतनी धूप में फील्ड जाना था, वह पूरे उत्साह से गए. सुबह स्कूल में भी तेज धूप के कारण योग का अभ्यास कम समय के लिए करवाया. आज फेसबुक पर राखी बनाते हुए व झंडा लिए बच्चों के चित्र पोस्ट किये, अच्छा काम , अच्छा लगता है सभी को ! 

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर।
    घर मे ही रहिए, स्वस्थ रहें।
    कोरोना से बचें।
    भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. आपको भी भारतीय नववर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनायें !

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