कल रात से वर्षा हो रही थी, सुबह उठने में आलस्य किया। रुकने पर वे दोनों टहलने गये और छत पर किया योग-अभ्यास।जून ने नन्हे के जन्मदिन के लिए हलवा अभी से बना दिया है। इमली वाली मीठी चटनी और हरी चटनी भी बन गई है। शेष तैयारी कल हो जाएगी। नाश्ते में नूना ने बगीचे के पपीते से पराँठे बनाये, मीठे-मीठे से थे। पेड़ पर दो पपीते पक रहे हैं। बाद में वे नर्सरी से उनतीस पौधे लाये, इतवार को माली वर्टिकल गार्डन बनाना शुरू करेगा। सोसाइटी में बाटा की सेल लगी है, जून ने चप्पल ली और नूना ने वॉकिंग शू। नन्हे को जन्मदिन की कविता भेज दी है।
आज नन्हे का जन्मदिन है।सुबह उससे बात की, दोपहर व शाम को भी। सोनू ने ‘स्टारवार’ थीम पर बहुत सुंदर केक बनाया है। कल ‘स्कल’ के आकार का केक भी बनाया था, नन्हे की फ़रमाइश पर। आज सुबह घर की साप्ताहिक सफाई आदि में व्हाट्सेप पर सबको सुप्रभात करने का समय ही नहीं मिला, दीदी को चिंता हो गई, दोपहर को उन्होंने फ़ोन कर लिया। पापाजी का फ़ोन भी दो बार आया, उनकी ज्ञान भरी बातें मन को सुकून देती हैं।आज दोपहर जून की एक बात पर मन ने प्रतिक्रिया की, यानि अहंकार अभी भी शेष है। गुरुजी कहते हैं, अहंकार को जेब में रखे रहना चाहिए, बस उसका प्रदर्शन नहीं करना करना चाहिए।शाम को छोटे भाई का फ़ोन आया, उसे बाहर की हरियाली दिखायी। सुबह नूना को गले में ख़राश और पैरों में दर्द महसूस हुआ, भीतर एक विचार आया, कहीं कोरोना तो नहीं ? जून ने एक टैबलेट दी है तथा गरारे भी करवाए। उनका स्वभाव बहुत केयरिंग/ दयालु है।
आज का इतवार अच्छा रहा। सुबह मौसम ठंडा था। माली सुबह आ गया था, उसने पौधे लगा दिये हैं। साढ़े नौ बजे बच्चे आ गये। पहले चाय पी फिर ग्यारह बजे नाश्ता। तब तक उनका एक मित्र परिवार भी आ गया था। वे मंगलोर के रहने वाले हैं। सब मिलकर निकट के गाँव-जंगल तक टहलने गये। वापस आकर भोजन बनाया, लगभग तीन बजे खाया। पाँच बजे वे सब वापस चले गये। अभी नन्हे का फ़ोन आया, सोनू के माँ-पापा अगले हफ़्ते आ रहे हैं। उसके पापा का गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन होना है।
अभी-अभी वे रात्रि भ्रमण से लौटे हैं।आज अख़बार में पढ़ा, अमेरिका में रेगिस्तान का तापमान चौवन डिग्री पहुँच गया है। पापाजी से बात की, वहाँ भी काफ़ी गर्मी पड़ रही है। जबकि यहाँ मौसम सुहावना है, शाम को हुई बूँदा-बाँदी में वे भीग भी गये। उसने हरसिंगार के झरते हुए फूलों का एक वीडियो बनाया आज। छोटे भाई की नातिन का मुंडन हो गया आज, भाभी ने तस्वीरें भेजी हैं।
आज सुबह समय पर उठे। रात को नींद गहरी थी। फ़िटबिट में स्कोर देखा, छियासी था। जब पहली बार स्कोर देखा था, तब उम्मीद की थी कि एक दिन ऐसा होगा। इक्यासी से अधिक कभी नहीं आया था। मन जब शांत हो तभी ऐसा हो सकता है। शाम को टहलने गये तो जून ने बैलगाड़ी का वीडियो बनाया, उन्हें भी फ़ोटोग्राफ़ी में रुचि हो गई है।कल ननदोई जी का जन्मदिन है, उनके लिए छोटी सी कविता लिखी है। जून ने उसे बधाई कार्ड में बदल दिया था। गुरु पूर्णिमा के लिए भी एक कविता लिखी है। आज सुबह सहज ही ध्यान घटित हो रहा था, परमात्मा को अनुभव करने का अवसर ध्यान में ही मिलता है, जब सीमित मन खो जाता है।
आज दिन भर वर्षा होती रही। मौसम ठंडा है सो आज हफ़्तों बाद एसी को विश्राम मिला है। बालकनी में खुलने वाले दरवाज़े से बाहर रखे पौधे और सोलर लाइट दिखायी पड़ रही है।शाम को हल्की फुहार पड़ रही थी। वे टोपी पहनकर साइकिल से उस अंतिम सड़क पर गये, जहाँ सुबह अंधेरा रहते टहलने जाते हैं। वापस आकर मुख्य सड़क पर फूलों से लदे वृक्षों की तस्वीरें खींचीं। नाश्ते के बाद सिलाई मशीन बनने के लिए देकर आये, कई वर्षों से उसे इस्तेमाल नहीं किया है। शाम को पापाजी से बात हुई, उन्हें पहला वैक्सीन लग गया है। उन्होंने ओशो की एक किताब में जो पढ़ा था, उसके बारे में बताया।उनके अनुसार अपने जीवन में सद्गुणों को अपनाना चाहिए।
आज टहलने गये तो पार्क नंबर दस में फलों का बगीचा देखा। करौंदे, शरीफ़े, चीकू, अंजीर, बेर सभी फल लगे हुए थे।बाद में बैंक भी गये, नूना का अकाउंट खुल गया है, अभी एटीएम कार्ड आना बाक़ी है। एक वरिष्ठ महिला ब्लॉगर ने नूना से कहा, वह वर्षा की फ़ोटो या वीडियो भेजे, वहीं बैंक में बैठे-बैठे ही खोज कर भेज दीं।सिलाई मशीन भी ठीक हो गई, वापस आकर सिलाई की। सोनू दो गाउन लायी थी, उन्हें छोटा किया।
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