Thursday, July 21, 2011

असम की बारिश


उन दिनों कितनी चहल-पहल रहती थी घर में हर वक्त, पहली बार ससुराल के सभी लोग यहाँ आए थे. उसने घर सजाया, बाहर माली भी काम करता रहा. किचन में नई-नई डिशेज बनती रहीं, एक महीने सब लोग यहाँ रहे. वे उन्हें छोड़ने तिनसुकिया गए. 'मसरूर आलम' की कहानी पर बनी एक फिल्म देखी, मौसम बहुत गर्म था,  लौटे तो वर्षा शुरू हो गयी और जैसे राहत मिल गयी हो तपते हुए सूरज को भी धरती को भी उनको भी. वे देर तक पानी में भीगते रहे, पहली बार असम की बारिश में उसके साथ. रात को उसने मटर पुलाव बनाया पर नमक डालना भूल गया. आज नूना ने पहली बार दलिया बनाया उसे अच्छा लगा. कल की शाम बेहद गर्म थी, वे पहले मार्केट गए फिर लाइब्रेरी, और इस बीच में दो-दो गिलास मैंगो शेक पीया सो रात को खाना नहीं बनाया और फर्श पर ही सो गए. रात को वर्षा शुरू हो गयी जो दूसरे दिन भी देर तक होती रही. उनके विवाह को पूरे छह महीने हो गए. कितने महीनों से नूना ने कुछ भी नहीं लिखा है पर लिखना तभी संभव है जब पढ़ा जाये, पढ़ना भी तो छूट गया है. 

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