tag:blogger.com,1999:blog-6638701219962531553.post2778354486108534892..comments2024-03-28T00:10:28.489-07:00Comments on एक जीवन एक कहानी: लाल चौक पर तिरंगा Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6638701219962531553.post-64792584037031270322016-10-13T08:02:09.126-07:002016-10-13T08:02:09.126-07:00राष्ट्रीय ध्वज का फहराना और न फहराना, अब देशप्रेम ...राष्ट्रीय ध्वज का फहराना और न फहराना, अब देशप्रेम नहीं, राजनीति का मुद्दा बन गया है. इसलिए किसे दोष दें और किसकी सराहना करें, बहुत मुश्किल हो गया है समझना. <br />ब्लॉग पर कुछ कविताएँ इतनी जटिल होती हैं कि सचमुच समझना मुश्किल हो जाता है. कई बार तो ऐसा भी लाता है कि लिखने वाले को समझ आया होगा कि किस मानसिकता के अंतर्गत लिखी थी कविता. ध्यान इन सारी ग्रंथियों और गांठों को खोल देता है. मैंने भी महसूस किया है. चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com